देवउठनी एकादशी 2025: तुलसी विवाह 2025 तिथि, महत्व, पूजा विधि और व्रत कथा

देवउठनी एकादशी 2025: तुलसी विवाह 2025 तिथि, महत्व, पूजा विधि और व्रत कथा
देवउठनी एकादशी 2025: तुलसी विवाह 2025 तिथि, महत्व, पूजा विधि और व्रत कथा

When: 2nd Nov - 3rd Nov
Where: All Over India

तिथि व समय (2025 में देवउठनी एकादशी कब है?)

  • देवउठनी एकादशी (प्रभोधिनी एकादशी): सोमवार, 3 नवंबर 2025

  • एकादशी तिथि प्रारंभ: 2 नवंबर 2025, रात 09:18 बजे

  • एकादशी तिथि समाप्त: 3 नवंबर 2025, रात 07:21 बजे

  • तुलसी विवाह (Tulsi Vivah): 3 नवंबर 2025 (सोमवार)

देवउठनी एकादशी का महत्व

देवउठनी एकादशी जिसे प्रभोधिनी एकादशी भी कहा जाता है, कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागते हैं और सृष्टि का कार्यभार पुनः संभालते हैं।
चार महीने के चातुर्मास व्रत का समापन भी इसी दिन होता है। इस व्रत को करने से मन, वचन और कर्म से हुए पापों का नाश होता है और विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।

तुलसी विवाह का महत्व

देवउठनी एकादशी के दिन ही तुलसी विवाह (Tulsi Vivah) का आयोजन होता है। इस दिन तुलसी माता (वृंदा) का विवाह शालिग्राम भगवान विष्णु (या श्रीकृष्ण) के साथ कराया जाता है।

  • तुलसी विवाह को करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि और सौभाग्य का आगमन होता है।

  • जिन कन्याओं का विवाह नहीं हो पा रहा हो, उनके लिए तुलसी विवाह करना अत्यंत शुभ माना गया है।

  • तुलसी को लक्ष्मी जी का स्वरूप और विष्णु भगवान की प्रिय माना गया है, इसलिए यह विवाह दिव्य और पवित्र माना जाता है।

तुलसी विवाह की विधि और रीति-रिवाज

1. तुलसी माता की सजावट

  • तुलसी के पौधे को दुल्हन की तरह सजाया जाता है।

  • लाल या हरे रंग की साड़ी, गहने, बिंदी और चूनरी से तुलसी को सजाया जाता है।

  • मंडप बनाकर तुलसी के पास शालिग्राम या विष्णुजी की प्रतिमा/शिला को वर रूप में स्थापित किया जाता है।

2. विवाह संस्कार

  • विवाह में कन्यादान, मंगलसूत्र धारण और सप्तपदी जैसे पारंपरिक संस्कार किए जाते हैं।

  • परिवार की महिलाएं विशेष रूप से आरती करती हैं और मंत्रोच्चारण करती हैं।

  • अक्षत, सिंदूर, चंदन, फूल और मिष्ठान्न चढ़ाया जाता है।

3. प्रसाद व भोजन

  • व्रतधारी दिनभर फलाहार करते हैं और द्वादशी के दिन तुलसी पत्र मुख में रखकर व्रत का पारण करते हैं।

  • घरों में मिठाइयाँ और सात्विक भोजन बनाकर प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।

धार्मिक मान्यता

  • तुलसी विवाह करने से परिवार में सौभाग्य, सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।

  • अविवाहित कन्याओं को योग्य वर की प्राप्ति होती है।

  • सामूहिक रूप से तुलसी विवाह करने से सामाजिक संबंध भी प्रगाढ़ होते हैं।

Tags:

Other Festivals & Events of October

Copyright © cubetodice.com 2017