When - 29th October
Where -
All over India
धनतेरस का पर्व समृद्धि, स्वास्थ्य और धन की प्राप्ति के लिए पूजनीय है। यह पर्व न केवल धार्मिक रूप से बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह जीवन में सकारात्मकता और आर्थिक समृद्धि का प्रतीक है। यह त्योहार हमें यह संदेश देता है कि स्वास्थ्य और समृद्धि के साथ जीवन का आनंद उठाना चाहिए।
धनतेरस, जिसे धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है, दीपावली के पांच दिवसीय त्योहार की शुरुआत का प्रतीक है। यह पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। धनतेरस का पर्व विशेष रूप से धन और समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी और आयुर्वेद के देवता भगवान धनवंतरी की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन घरों में लक्ष्मी पूजा के साथ-साथ नए बर्तन, आभूषण और कीमती धातुओं की खरीदारी का विशेष महत्व होता है।
धनतेरस का दिन हिंदू धर्म में बेहद शुभ माना जाता है और इसे समृद्धि तथा अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है। इस दिन लोग भगवान धनवंतरी और मां लक्ष्मी से अपने जीवन में स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान भगवान धनवंतरी इसी दिन अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे। इस कारण धनतेरस को धन, स्वास्थ्य, और दीर्घायु की प्राप्ति का दिन माना जाता है।
धनतेरस के दिन लोग अपने घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों की सफाई और सजावट करते हैं। शाम को दीप जलाकर घर के मुख्य दरवाजे पर रखा जाता है, जो मां लक्ष्मी का स्वागत करने का प्रतीक होता है। इस दिन धनवंतरी और मां लक्ष्मी की मूर्ति की विशेष पूजा की जाती है, जिसमें चावल, फूल, धूप, और दीपक के साथ साथ अन्य धार्मिक सामग्री का उपयोग किया जाता है।
धनतेरस के दिन सोने, चांदी और नए बर्तनों की खरीदारी करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई वस्तुएं जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाती हैं। इसी दिन से दीपावली की तैयारी शुरू हो जाती है और बाजारों में रौनक बढ़ जाती है। लोग नई चीजें खरीदकर अपने घरों और व्यापारिक स्थानों की शोभा बढ़ाते हैं, जो समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक मानी जाती है।
धनतेरस से जुड़ी कई लोक मान्यताएं और परंपराएं हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन खरीदारी करने से धन में वृद्धि होती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही, यह भी माना जाता है कि इस दिन घर में दीया जलाने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मकता का वास होता है।
2024 में धनतेरस का पर्व 28 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन से दीपावली की तैयारियां शुरू हो जाएंगी और लोग अपने घरों और प्रतिष्ठानों में मां लक्ष्मी का स्वागत करेंगे।
धनतेरस, दीपावली के शुभारंभ का पहला दिन होता है। इसके बाद नरक चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा, और भाई दूज का क्रम आता है। इन सभी त्योहारों का मुख्य उद्देश्य जीवन में समृद्धि, खुशहाली और परिवारिक सुख-शांति की प्राप्ति है।
When - 13th July
Where -
All Over India
गुरु पूर्णिमा ...
When - 11 - 12
Where -
All Over India
हेमिस ...
When - 15th July
Where -
All Over India
चंपाकुलम मूलम ...
We visited this park in December 2010, we were in group of 10-12 ...
Ranthambore Fort is a formidable fort situated near Sawai Madhopur ...
दिल्ली हाट, आईएनए में आयोजित होने वाला बिहार उत्सव 2025 बिहार की ...
ग्रेटर नोएडा के सिटी पार्क में 28 फरवरी को एक भव्य फूल शो का आयोजन ...
आदि महोत्सव 2025 सिर्फ एक उत्सव नहीं है; यह भारत की जड़ों का जश्न ...
अमृत उद्यान, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांति के लिए प्रसिद्ध है, ...
Copyright © cubetodice.com 2017