हरतालिका तीज: प्रेम और समर्पण का पावन पर्व

हरतालिका तीज: प्रेम और समर्पण का पावन पर्व
हरतालिका तीज: प्रेम और समर्पण का पावन पर्व

When: 26th Aug
Where: All Over India

 

लाल-हरे वस्त्रों में सजी महिलाएं जब झूले पर झूलते हुए पारंपरिक तीज गीत गा रही हों, और पृष्ठभूमि में सजे हुए शिव-पार्वती के कलश दिखाई दे रहे हों - यह दृश्य इस त्योहार की सुंदरता को पूरी तरह व्यक्त करेगा।

हरतालिका तीज हमारे देश के सबसे मनभावन त्योहारों में से एक है। बरसात के इस मौसम में जब प्रकृति हरी-भरी हो जाती है, तब यह त्योहार और भी खूबसूरत लगने लगता है।

हरतालिका तीज 2025 की तारीख
इस साल 2 सितंबर 2025 (मंगलवार) को हरतालिका तीज मनाई जाएगी। यह त्योहार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आता है।

क्या है इस पर्व की कहानी?
यह कथा माँ पार्वती के उस अटूट प्रेम की है जो उन्होंने भगवान शिव के लिए दिखाया। कहते हैं माता पार्वती ने शिवजी को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। उनकी सहेली ने उन्हें एक अनचाहे विवाह से बचाकर जंगल में छुपा दिया था - इसीलिए इसका नाम 'हरतालिका' (हरण + आलिका) पड़ा।

कैसे मनाते हैं यह पावन पर्व?
हमारे घर में तीज की तैयारियां कई दिन पहले से शुरू हो जाती हैं:

  • नए लाल या हरे वस्त्र (सुहाग के प्रतीक) खरीदे जाते हैं

  • हाथों में मेहंदी सजाई जाती है

  • पूजा के लिए विशेष प्रसाद तैयार किया जाता है

मुख्य दिन पर:

  1. निर्जला व्रत: सुबह से चंद्रोदय तक बिना जल ग्रहण किए व्रत रखा जाता है

  2. शाम की पूजा: शिव-पार्वती की मूर्तियों को फूलों से सजाकर विधिवत पूजा की जाती है

  3. महाभोग: चंद्रमा दर्शन के बाद गेवर, मालपुआ और अन्य स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लिया जाता है

क्यों है यह त्योहार खास?

  • यह सुहागिनों के लिए सौभाग्य का प्रतीक है

  • परिवार की पीढ़ियों को जोड़ने वाला त्योहार है

  • महिलाओं को मायके से विशेष उपहार (सिंधारा) मिलता है

  • सामूहिक उत्सव से सामाजिक एकता मजबूत होती है

Tags:

Other Festivals & Events of October

Copyright © cubetodice.com 2017