करवा चौथ : प्रेम, भक्ति और परंपरा का पर्व

करवा चौथ : प्रेम, भक्ति और परंपरा का पर्व

When - 20th October
Where - All over India

करवा चौथ केवल एक व्रत या त्योहार नहीं है, बल्कि यह प्रेम, विश्वास और समर्पण का प्रतीक है। यह पति-पत्नी के बीच के रिश्ते को और भी मजबूत करता है और भारतीय संस्कृति में रिश्तों की महत्ता को उजागर करता है। करवा चौथ के दौरान की जाने वाली पूजा, व्रत और अन्य रस्में इस दिन को विशेष बनाती हैं और इसे एक अनूठा पर्व बनाती हैं।

करवा चौथ का परिचय

करवा चौथ उत्तर भारत का एक प्रमुख हिंदू त्योहार है, जिसे मुख्य रूप से विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और स्वास्थ्य के लिए मनाती हैं। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से चंद्रमा निकलने तक निर्जला व्रत रखती हैं। करवा चौथ कार्तिक मास की चतुर्थी को आता है और यह पति-पत्नी के अटूट प्रेम और समर्पण का प्रतीक है।

करवा चौथ 2024 का त्योहार 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

करवा चौथ का महत्त्व

करवा का अर्थ होता है मिट्टी का घड़ा और चौथ का मतलब होता है चौथा दिन। करवा चौथ का व्रत पति की लंबी आयु और स्वास्थ्य के लिए रखा जाता है, और यह त्योहार पति-पत्नी के बीच के अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक है। प्राचीन काल में, महिलाएं अपने पति की रक्षा और उनके सफल जीवन के लिए यह व्रत रखती थीं, जब उनके पति युद्ध या खतरनाक यात्राओं पर जाते थे।

आज के समय में भी यह त्योहार महिलाओं के लिए अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है, जो अपने पति के प्रति प्रेम और भक्ति को व्यक्त करने के लिए यह व्रत करती हैं।

करवा चौथ की रस्में और परंपराएं

करवा चौथ का दिन कई धार्मिक और पारंपरिक रस्मों से भरा होता है:

  1. सर्गी: करवा चौथ की शुरुआत तड़के सुबह सर्गी से होती है, जो सास द्वारा दी जाने वाली खाने की थाली होती है। इसमें फल, मिठाइयां और अन्य पौष्टिक चीज़ें होती हैं, जिन्हें महिलाएं सूर्योदय से पहले खाती हैं, ताकि दिन भर के व्रत को सहन कर सकें।
  2. निर्जला व्रत: सर्गी के बाद महिलाएं सूर्योदय से चंद्रमा के दर्शन तक बिना पानी पिए व्रत रखती हैं। यह व्रत पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए किया जाता है।
  3. पूजन और करवा माता की वंदना: शाम के समय महिलाएं इकट्ठी होती हैं और विशेष करवा चौथ की पूजा करती हैं। पूजा के दौरान करवा चौथ की कथा सुनी जाती है, जो पति-पत्नी के प्रेम और समर्पण की महत्ता को दर्शाती है। करवा माता की पूजा की जाती है, जो सुख-समृद्धि का प्रतीक है।
  4. व्रत खोलना: जब चंद्रमा दिखाई देता है, तब महिलाएं उसे छलनी से देखती हैं और फिर उसी छलनी से अपने पति के चेहरे को देखती हैं। इसके बाद पति उन्हें पानी पिलाते हैं और कुछ खाने को देते हैं, जिससे उनका व्रत समाप्त होता है।
  5. उपहार और उत्सव: व्रत समाप्त होने के बाद, पति अपनी पत्नियों को उपहार देकर उनका आभार व्यक्त करते हैं। इसके बाद परिवार में एक साथ भोजन किया जाता है और आनंदपूर्वक दिन का समापन होता है।

करवा चौथ का परिधान और मेहंदी

करवा चौथ के दिन महिलाएं पारंपरिक लाल या अन्य चमकीले रंगों की साड़ी या लहंगा पहनती हैं, जो सुहाग का प्रतीक माने जाते हैं। इसके साथ ही महिलाएं अपने हाथों पर मेहंदी लगाती हैं, जो शुभता और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।

आधुनिक समय में करवा चौथ

आज के दौर में करवा चौथ का महत्त्व सिर्फ परंपरा तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह एक सांस्कृतिक पर्व के रूप में विकसित हुआ है। न केवल भारत में, बल्कि भारतीय समुदायों द्वारा विदेशों में भी इसे उत्साह के साथ मनाया जाता है। आधुनिक समय में, कई पति भी अपनी पत्नियों के साथ व्रत रखकर उनके प्रति अपने प्रेम और समर्थन का प्रदर्शन करते हैं।

करवा चौथ 2024 की तिथि

करवा चौथ 2024 का पर्व 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए उपवास रखेंगी।

करवा चौथ का सांस्कृतिक प्रभाव

करवा चौथ न केवल भारतीय त्योहारों में से एक है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति की समृद्धि और परंपरा को भी दर्शाता है। यह पर्व हमें यह सिखाता है कि प्रेम, समर्पण और विश्वास किसी भी रिश्ते की आधारशिला हैं, और यही इस त्योहार की विशेषता है।

Other Festival's & Event's of May

Eid ul-Fitr 2025: Celebrating the End of Ramadan
Eid ul-Fitr 2025: Celebrating the End of Ramadan

When - 3rd May
Where - All Over India
Eid ul-Fitr, also known as the "Festival of Breaking ...

Buddha Purnima 2025: Celebrating the Life and Teachings of Lord Buddha
Buddha Purnima 2025: Celebrating the Life and Teachings of Lord Buddha

When - 16th May
Where - All Over India
Buddha Jayanti, also known as Buddha ...

Moatsü Mong Festival 2025: Celebrating the Harvest and Community
Moatsü Mong Festival 2025: Celebrating the Harvest and Community

When - 1 - 3
Where - All Over India
The Moatsü Mong ...

International Flower Festival: A Celebration of Sikkim’s Flora
International Flower Festival: A Celebration of Sikkim’s Flora

When - 1 - 31
Where - All Over India
This festival is celebrated to create ...

Travel Insight

The Chunar Fort - where the famous 'Chandrakata' story was written
The Chunar Fort - where the famous 'Chandrakata' story was written

  Chunar, located on the banks of the Ganges, 35 kilometers ...

Unforgettable Goa Trip
Unforgettable Goa Trip

In my last story, you read about my travel experience in Mumbai. We ...

Kashmir - Paradise on Earth
Kashmir - Paradise on Earth

We were 6 of us, boys – I, Amby, Ekansh, Avneesh, Amit and Gourav ...

Places to visit in Kashmir valley
Places to visit in Kashmir valley

1. Srinagar Srinagar is main tourist destination in Kashmir valley. ...

Top travel News

बिहार उत्सव 2025: दिल्ली हाट, आईएनए में बिहार की कला, शिल्प और संस्कृति का जश्न
बिहार उत्सव 2025: दिल्ली हाट, आईएनए में बिहार की कला, शिल्प और संस्कृति का जश्न

दिल्ली हाट, आईएनए में आयोजित होने वाला बिहार उत्सव 2025 बिहार की ...

ग्रेटर नोएडा के सिटी पार्क में 28 फरवरी को आयोजित होगा भव्य फूल शो
ग्रेटर नोएडा के सिटी पार्क में 28 फरवरी को आयोजित होगा भव्य फूल शो

ग्रेटर नोएडा के सिटी पार्क में 28 फरवरी को एक भव्य फूल शो का आयोजन ...

आदि महोत्सव 2025: 16-27 फरवरी को जनजातीय विरासत, कला और संस्कृति का महाकुंभ
आदि महोत्सव 2025: 16-27 फरवरी को जनजातीय विरासत, कला और संस्कृति का महाकुंभ

आदि महोत्सव 2025 सिर्फ एक उत्सव नहीं है; यह भारत की जड़ों का जश्न ...

2 फरवरी से अमृत उद्यान के द्वार आम जनता के लिए खुलेंगे
2 फरवरी से अमृत उद्यान के द्वार आम जनता के लिए खुलेंगे

अमृत उद्यान, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांति के लिए प्रसिद्ध है, ...

Copyright © cubetodice.com 2017