When - 9th August
Where -
All over India
मुहर्रम इस्लामिक चंद्र कैलेंडर का पहला महीना है और दुनिया भर के मुसलमानों के लिए इसका बहुत धार्मिक महत्व है। यह चिंतन, स्मरण और आध्यात्मिक नवीनीकरण का समय है। 2025 में, मुहर्रम शुक्रवार, 23 मई से शुरू होने की उम्मीद है, जो चंद्रमा के दिखने पर निर्भर करता है। मुहर्रम का दसवां दिन, जिसे आशूरा के नाम से जाना जाता है, विशेष रूप से महत्वपूर्ण है और इसे रविवार, 1 जून, 2025 को मनाया जाएगा।
इस्लामिक नया साल:
मुहर्रम इस्लामिक नए साल की शुरुआत का प्रतीक है, जो मुसलमानों के लिए पिछले साल पर विचार करने और आने वाले साल के लिए आध्यात्मिक लक्ष्य निर्धारित करने का समय है।
आशूरा का स्मरण:
आशूरा, मुहर्रम का दसवां दिन, इमाम हुसैन की शहादत को याद करने के लिए मनाया जाता है, जो पैगंबर मुहम्मद के पोते थे और 680 ईस्वी में कर्बला की लड़ाई में शहीद हुए थे। यह घटना शिया मुसलमानों के लिए गहरा महत्व रखती है।
उपवास और प्रार्थना:
सुन्नी मुसलमान आशूरा के दिन उपवास रखते हैं, जो पैगंबर मुहम्मद की परंपरा का पालन करते हुए इस्राइलियों को फिरौन से मुक्ति के लिए कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए किया जाता है।
शिया परंपराएं:
शोक जुलूस: शिया मुसलमान शोक जुलूस में भाग लेते हैं, जहाँ वे इमाम हुसैन की शहादत पर दुख व्यक्त करने के लिए मर्सिया पढ़ते हैं और अपने सीने पीटते हैं।
मजलिस: धार्मिक सभाएं आयोजित की जाती हैं, जहाँ विद्वान कर्बला की घटनाओं को सुनाते हैं और बलिदान और न्याय के मूल्यों पर जोर देते हैं।
ताजिया: इमाम हुसैन के मकबरे की प्रतिकृतियों को जुलूस में ले जाया जाता है, जो उनकी शहादत का प्रतीक है।
सुन्नी परंपराएं:
उपवास: कई सुन्नी मुसलमान मुहर्रम के 9वें और 10वें दिन उपवास रखते हैं, जो पैगंबर की परंपरा का पालन करते हुए किया जाता है।
दान: इस महीने के दौरान दान और दया के कार्यों को प्रोत्साहित किया जाता है।
प्रार्थना और चिंतन: मुसलमान अतिरिक्त प्रार्थना करते हैं और बलिदान और लचीलेपन के सबक पर विचार करते हैं।
सामुदायिक सभाएं:
शिया और सुन्नी दोनों समुदाय एक साथ आते हैं, विशेष रूप से आशूरा पर भोजन साझा करते हैं और जरूरतमंदों को भोजन वितरित करते हैं।
आध्यात्मिक नवीनीकरण: मुहर्रम मुसलमानों को अपने विश्वास पर विचार करने और इस्लामिक मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने का अवसर प्रदान करता है।
एकता और एकजुटता: यह महीना मुसलमानों के बीच एकता और एकजुटता की भावना को बढ़ावा देता है, चाहे उनके संप्रदायिक मतभेद कुछ भी हों।
बलिदान के सबक: कर्बला की कहानी न्याय और सच्चाई के लिए खड़े होने के महत्व को सिखाती है, चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी कठिन क्यों न हों।
चिंतन और प्रार्थना: इस समय का उपयोग आत्म-चिंतन, प्रार्थना और आने वाले साल के लिए आध्यात्मिक लक्ष्य निर्धारित करने के लिए करें।
सामुदायिक कार्यक्रमों में भाग लें: मजलिस, जुलूस या सामुदायिक सभाओं में भाग लें ताकि मुहर्रम के इतिहास और महत्व के बारे में जान सकें।
आशूरा पर उपवास रखें: यदि आप सुन्नी मुसलमान हैं, तो मुहर्रम के 9वें और 10वें दिन उपवास रखने पर विचार करें।
दान करें: जरूरतमंदों की मदद करने के लिए दान करें या भोजन वितरित करें।
When - 13th July
Where -
All Over India
Guru Purnima is a sacred festival ...
When - 9 - 10
Where -
All Over India
The International Mango ...
When - July
Where -
All Over India
Amarnath cave is a Hindu shrine located in Jammu ...
When - 11 - 12
Where -
All Over India
The Hemis Festival is one ...
When - 15th July
Where -
All Over India
The Champakulam Moolam Boat ...
When - 10th July
Where -
All Over India
Eid al-Adha, also known as Bakri Eid or the ...
This time, I made a trip to Varanasi in May, 2014. I went to Varanasi ...
10 Days is sufficient to visit Leh. First Day Start from Delhi for ...
दिल्ली हाट, आईएनए में आयोजित होने वाला बिहार उत्सव 2025 बिहार की ...
ग्रेटर नोएडा के सिटी पार्क में 28 फरवरी को एक भव्य फूल शो का आयोजन ...
आदि महोत्सव 2025 सिर्फ एक उत्सव नहीं है; यह भारत की जड़ों का जश्न ...
अमृत उद्यान, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांति के लिए प्रसिद्ध है, ...
Copyright © cubetodice.com 2017